Description
मैं हर्ष रंजन हूँ, आपके लिए सर्वथा अपरिचित। ये किताब मेरा पहला परिचय है। एक सीरीज आपके सामने लाया हूँ, पाँच कहानी-संग्रह, जो एक के बाद एक आपके सामने आएंगी। लिखना कब, क्यों और कैसे शुरू होता है कहना मुश्किल है बस इतना बता सकता हूँ कि पत्रों से शुरुआत की थी। सालों गुजर गए, न आज वो चिट्ठियाँ हैं और ना… बहरहाल मैं अपने जीवन-क्रम से चुनकर दस कहानियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। इसमे गंगा के घाट से लेकर आग के दरिया, जमीन से लेकर आकाश तक का वर्णन है। मैंने इतनी मेहनत की है कि भले ही ये कभी जीने के लिए बहुत कठिन हों लेकिन आज पढ़ने के लिए बहुत सरल हैं। आशा है कि सरलता और सादगी आपको पसंद आएगी। बस इस सीढ़ी पर पहला कदम रखिए और देखिये इस दुनिया को नए नजरिए से। रचना आपको कैसी लगी जरूर बताएं।
Additional information
Details | Paperback: 192 pages |
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Rachana Laal –
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