Teri Hi Tasveer
Original price was: ₹200.00.₹175.00Current price is: ₹175.00.
लिखना तो काफी पहले शुरू कर दिया था, कलम ने चौदह साल का वनवास गुजारा और तब उसे एक पहचान मिली, संसार के एक कोने से आ रही एक पुकार के रूप में। आज की तारीख में मेरे तीन कहानी संग्रह आपके सामने आ गए हैं और साथ में ये दो कविता संग्रह भी। मेरी कविताओं के आठ संग्रह तैयार हो गए थे लेकिन मैंने दो-दो संग्रह के एक संग्रह बनाकर उन्हे निकालने की सोची है। मेरा दूसरा कविता संग्रह तेरी ही तस्वीर मैं लोकार्पित करता हूँ। ये जिस तस्वीर की बात कह रहा हूँ, कविता संग्रह में उसी का अनछुआपन उसी की मासूमियत झलकती है। मुझे पता है कि जीवन की ये तस्वीरें कितनी खूबसूरत होती हैं! शुरुआत की हिचक, भूलें और वो बचपना है इस संग्रह में जो रंग बनकर उस तस्वीर में विद्यमान है। कुछ कविताएं यहाँ ऐसी हैं जिनमे बहुत प्रौढ़ता झलकती है मतलब आप समझ सकते हैं कि ये बाद की हैं। कुछ कविताएं गलतफहमियों के दौर की हैं तो कुछ जीवन की अटल सच्चाइयों की। मैं आज भी इन्हे याद करता हूँ तो कई बार शरीर मे स्फूर्ति आती है तो कई बार चलते-चलते भरे बाज़ार में चाल थम जाती है। ये तेरी नहीं, तेरे चेहरे में मेरी ज़िंदगी की तस्वीर है। शब्दों और संवेदनाओं के बाज़ार में मैं इन्हे उतार रहा हूँ।
Description
लिखना तो काफी पहले शुरू कर दिया था, कलम ने चौदह साल का वनवास गुजारा और तब उसे एक पहचान मिली, संसार के एक कोने से आ रही एक पुकार के रूप में। आज की तारीख में मेरे तीन कहानी संग्रह आपके सामने आ गए हैं और साथ में ये दो कविता संग्रह भी। मेरी कविताओं के आठ संग्रह तैयार हो गए थे लेकिन मैंने दो-दो संग्रह के एक संग्रह बनाकर उन्हे निकालने की सोची है। मेरा दूसरा कविता संग्रह तेरी ही तस्वीर मैं लोकार्पित करता हूँ। ये जिस तस्वीर की बात कह रहा हूँ, कविता संग्रह में उसी का अनछुआपन उसी की मासूमियत झलकती है। मुझे पता है कि जीवन की ये तस्वीरें कितनी खूबसूरत होती हैं! शुरुआत की हिचक, भूलें और वो बचपना है इस संग्रह में जो रंग बनकर उस तस्वीर में विद्यमान है। कुछ कविताएं यहाँ ऐसी हैं जिनमे बहुत प्रौढ़ता झलकती है मतलब आप समझ सकते हैं कि ये बाद की हैं। कुछ कविताएं गलतफहमियों के दौर की हैं तो कुछ जीवन की अटल सच्चाइयों की। मैं आज भी इन्हे याद करता हूँ तो कई बार शरीर मे स्फूर्ति आती है तो कई बार चलते-चलते भरे बाज़ार में चाल थम जाती है। ये तेरी नहीं, तेरे चेहरे में मेरी ज़िंदगी की तस्वीर है। शब्दों और संवेदनाओं के बाज़ार में मैं इन्हे उतार रहा हूँ।
You must be logged in to post a review.
Reviews
There are no reviews yet.